लेह: ऊँचे पहाड़ों के बीच बसी जन्नत की एक अनोखी कहानी

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लद्दाख की शांत वादियों में बसा लेह एक ऐसा शहर है, जहाँ प्रकृति अपनी अनुपम सुंदरता से हर यात्री का दिल जीत लेती है। बर्फ से ढकी चोटियाँ, नीले आसमान में तैरते बादल, प्राचीन मठों की घंटियाँ और ठंडी हवाओं का पवित्र स्पर्श—यह सब मिलकर लेह को एक अद्वितीय अनुभूति में बदल देते हैं। लेह की खूबसूरती सिर्फ इसके प्राकृतिक नज़ारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ की संस्कृति, लोगों की सरलता और इतिहास से भरे धरोहरों की भी अपनी एक खास पहचान है। ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का हर मोड़, हर दृश्य और हर कदम एक रोमांच बन जाता है। चाहे वो शांति से भरा शांति स्तूप हो या ऊँचे पहाड़ों की गोद में बसे मठ, हर स्थान मन को एक अनोखी ऊर्जा से भर देता है। लेह की गलियों में घूमते हुए ऐसा लगता है मानो समय थम-सा गया हो। रंग-बिरंगे प्रार्थना-झंडे हवा में लहराते हैं और सड़कों पर चलते लोग मुस्कुराहट के साथ “जुले” कहकर स्वागत करते हैं। यह क्षेत्र न सिर्फ रोमांच प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, बल्कि उन लोगों के लिए भी आदर्श स्थान है जो भीड़-भाड़ से दूर शांति की तलाश में होते हैं। यहाँ की सुबहें सुनहरी धूप के साथ पहाड़ों के बीच च...

दुनिया की पहली फोटो की कहानी

जानिए कैसे जोसेफ नाइसफोर निएप्स ने 1826 में इतिहास की पहली फोटो ली

( दुनिया की पहली फोटो )
1826 की एक फ्रांस की दोपहर में, जोसेफ नाइसफोर निएप्स नाम के एक वैज्ञानिक ने इतिहास की पहली तस्वीर कैद की। उस वक्त कैमरे आज जैसे नहीं थे, बल्कि एक बड़ा लकड़ी का डिवाइस था जिसमें बिटुमेन नामक केमिकल लगी एक प्लेट थी। उन्होंने अपने घर की खिड़की से बाहर का दृश्य उस प्लेट पर कैमरा ऑब्स्क्यूरा की मदद से कैद किया। इस प्रक्रिया में सूरज की रोशनी लगभग 8 घंटे तक लगी रही। धीरे-धीरे एक धुंधली सी परछाई प्लेट पर उभरने लगी, जो दुनिया की पहली तस्वीर बनी। इसे “View from the Window at Le Gras” कहा जाता है।

जोसेफ निएप्स को उस वक्त शायद पता नहीं था कि उनके इस छोटे प्रयोग से पूरी दुनिया की यादें कैद करने का रास्ता खुल जाएगा। इस तस्वीर ने फोटोग्राफी की नींव रखी, जो आगे चलकर मोबाइल कैमरे और डिजिटल

फोटोग्राफी तक पहुंची। यह तस्वीर आज भी University of Texas में सुरक्षित रखी गई है और निएप्स को “Father of Photography” कहा जाता है।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बड़ी खोजें अक्सर छोटे कदमों से शुरू होती हैं। अगर निएप्स ने अपनी मेहनत और धैर्य नहीं दिखाया होता, तो शायद हम आज

अपनी यादों को तस्वीरों में नहीं संजो पाते। एक सपना और एक प्रयास पूरी दुनिया बदल सकता है।

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