लेह: ऊँचे पहाड़ों के बीच बसी जन्नत की एक अनोखी कहानी

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लद्दाख की शांत वादियों में बसा लेह एक ऐसा शहर है, जहाँ प्रकृति अपनी अनुपम सुंदरता से हर यात्री का दिल जीत लेती है। बर्फ से ढकी चोटियाँ, नीले आसमान में तैरते बादल, प्राचीन मठों की घंटियाँ और ठंडी हवाओं का पवित्र स्पर्श—यह सब मिलकर लेह को एक अद्वितीय अनुभूति में बदल देते हैं। लेह की खूबसूरती सिर्फ इसके प्राकृतिक नज़ारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ की संस्कृति, लोगों की सरलता और इतिहास से भरे धरोहरों की भी अपनी एक खास पहचान है। ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का हर मोड़, हर दृश्य और हर कदम एक रोमांच बन जाता है। चाहे वो शांति से भरा शांति स्तूप हो या ऊँचे पहाड़ों की गोद में बसे मठ, हर स्थान मन को एक अनोखी ऊर्जा से भर देता है। लेह की गलियों में घूमते हुए ऐसा लगता है मानो समय थम-सा गया हो। रंग-बिरंगे प्रार्थना-झंडे हवा में लहराते हैं और सड़कों पर चलते लोग मुस्कुराहट के साथ “जुले” कहकर स्वागत करते हैं। यह क्षेत्र न सिर्फ रोमांच प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, बल्कि उन लोगों के लिए भी आदर्श स्थान है जो भीड़-भाड़ से दूर शांति की तलाश में होते हैं। यहाँ की सुबहें सुनहरी धूप के साथ पहाड़ों के बीच च...

जब वो जेलर हुआ अमर — गुडबाय Asrani

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आज हम याद कर रहे हैं हिन्दी सिनेमा के एक चमकते सितारे, जिनकी हँसी ने हमारे दिलों में बचपन की यादें बुन दी थीं — Govardhan Asrani (अस्रानी जी)।वे आज हमारे बीच नहीं रहे। 20 अक्टूबर 2025 को मुंबई के एरोग़्य निधि अस्पताल, जुहू में उन्होंने अंतिम सांस ली थी। अस्रानी जी का जन्म जयपुर में हुआ था। संघर्षों से भरी शुरुआत के बाद उन्होंने बॉलीवुड में एंट्री की। 

उनके पिता कालीन बेचते थे, और अस्रानी जी दिन में पढ़ते, रात में वॉयस‑आर्टिस्ट का काम करते थे। 
उनकी सबसे यादगार भूमिका रही फिल्म Sholay में “अंग्रेजों के जमाने का जेलर” का किरदार। इसके साथ ही उन्होंने कई दशक तक हिंदी सिनेमा में हास्य‑निर्माण किया, 350+ फिल्मों में काम किया और हर पीढ़ी को हँसाया। अस्पताल में भर्ती थे, फेफड़ों में “पानी जमा होने” की समस्या थी। 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे उनका देहांत हुआ। उन्होंने चाहा था कि उनकी अंतिम

क्रिया शांतिपूर्वक हो, सार्वजनिक समारोह न हो।फ़िल्म जगत ने बड़े दुख के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी  Salman Khan, Hema Malini सहित कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर भावुक संदेश दिए

अस्रानी जी का चुटीला अंदाज़, उनका सहज हास्य, और हर किरदार में सच्चाई भर डालने का हुनर — ये सब हमें आज भी मुस्कुराने पर मजबूर कर देते हैं।
उनकी वो कॉमिक डायलॉग्स, वो तस्वीरें, वो पल — आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हमारी यादों में हमेशा जीवित रहेंगे।हमें उन्हें सिर्फ एक अभिनेता के रूप में नहीं बल्कि हँसी का उद्गम और इंसानियत के प्रतीक के रूप में याद रखना चाहिए।

उनकी विरासत हमें सिखाती है कि असली महानता सिर्फ स्क्रीन पर नहीं बल्कि दिलों में बसने में होती है।

ॐ शांति। स्वर्ग में आपकी आत्मा को शांति मिले, अस्रानी जी।

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