जापानी पर्यटक क्यों बार-बार आते हैं सांची

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  सांची स्टूप पर पर्यटक मध्य प्रदेश में स्थित सांची, भारत की उन जगहों में से है जो इतिहास, संस्कृति और धर्म का अद्भुत संगम प्रस्तुत करती हैं। यह स्थल न केवल बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र है, बल्कि इसकी स्थापत्य कला और प्राचीन स्तूप इसे विश्वभर के पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। हर साल सांची हजारों पर्यटकों, विशेषकर जापानी यात्रियों, को अपनी ओर खींचता है। सांची का इतिहास लगभग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से जुड़ा है, जब मौर्य सम्राट अशोक ने यहाँ बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए स्तूपों का निर्माण करवाया। महास्तूप सांची का सबसे प्रसिद्ध स्तूप है और यह उस समय की स्थापत्य कला और धार्मिक दृष्टिकोण का अद्भुत उदाहरण है। स्तूप के चारों ओर बने तोरण और नक्काशियाँ जीवन, कर्म और मोक्ष की कहानियों को दर्शाती हैं। स्थापत्य कला और शिल्पकला सांची की स्थापत्य कला में हर पत्थर अपने आप में एक कहानी कहता है। यहाँ के स्तूप, तोरण और मूर्तियाँ न केवल धार्मिक संदेश देती हैं, बल्कि प्राचीन भारतीय शिल्पकला और गणित की समझ का भी प्रमाण हैं। प्रत्येक नक्काशी में जीवन की सरल घटनाओं से लेकर बौद्ध धर्म के गहन सिद्धा...

रोबोटिक सर्जरी: चिकित्सा जगत की नई क्रांति


विज्ञान ने हमेशा मानव जीवन को आसान और सुरक्षित बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। चिकित्सा जगत में आज जो सबसे बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है, वह है रोबोटिक सर्जरी। यह तकनीक सर्जरी की दुनिया में एक नई उम्मीद, नई सटीकता और नई गति लेकर आई है। 

 रोबोटिक सर्जरी वह प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर एक विशेष मशीन या रोबोट की मदद से ऑपरेशन करते हैं। सर्जन खुद मरीज के शरीर पर सीधे हाथ नहीं रखते, बल्कि एक कंप्यूटर कंसोल के माध्यम से रोबोटिक उपकरणों को नियंत्रित करते हैं।

 ये उपकरण सर्जन की हर हरकत को कई गुना अधिक सटीकता से दोहराते हैं। इससे ऑपरेशन के दौरान गलती की संभावना बेहद कम हो जाती है। इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ यह है कि मरीज को बहुत कम दर्द और रक्तस्राव का सामना करना पड़ता है। ऑपरेशन के बाद घाव जल्दी भरते हैं और मरीज को अस्पताल में ज़्यादा समय तक रुकना नहीं पड़ता। यही कारण है कि रोबोटिक सर्जरी को आधुनिक चिकित्सा का भविष्य कहा जा रहा है।

 भारत में भी अब कई बड़े अस्पतालों ने रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत कर दी है। हृदय रोग, मूत्राशय, कैंसर और स्त्री रोग से जुड़ी सर्जरी में यह तकनीक उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर चुकी है। धीरे-धीरे यह तकनीक और अधिक सुलभ होती जा रही है ताकि आम मरीज भी इसका लाभ उठा सकें। भविष्य में जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस तकनीक से और गहराई से जुड़ जाएगी, तब सर्जरी की दुनिया में और भी अद्भुत परिवर्तन देखने को मिलेंगे। डॉक्टर और मशीन मिलकर ऐसे परिणाम देंगे जो आज हमें असंभव लगते हैं।

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