लेह: ऊँचे पहाड़ों के बीच बसी जन्नत की एक अनोखी कहानी

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लद्दाख की शांत वादियों में बसा लेह एक ऐसा शहर है, जहाँ प्रकृति अपनी अनुपम सुंदरता से हर यात्री का दिल जीत लेती है। बर्फ से ढकी चोटियाँ, नीले आसमान में तैरते बादल, प्राचीन मठों की घंटियाँ और ठंडी हवाओं का पवित्र स्पर्श—यह सब मिलकर लेह को एक अद्वितीय अनुभूति में बदल देते हैं। लेह की खूबसूरती सिर्फ इसके प्राकृतिक नज़ारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ की संस्कृति, लोगों की सरलता और इतिहास से भरे धरोहरों की भी अपनी एक खास पहचान है। ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का हर मोड़, हर दृश्य और हर कदम एक रोमांच बन जाता है। चाहे वो शांति से भरा शांति स्तूप हो या ऊँचे पहाड़ों की गोद में बसे मठ, हर स्थान मन को एक अनोखी ऊर्जा से भर देता है। लेह की गलियों में घूमते हुए ऐसा लगता है मानो समय थम-सा गया हो। रंग-बिरंगे प्रार्थना-झंडे हवा में लहराते हैं और सड़कों पर चलते लोग मुस्कुराहट के साथ “जुले” कहकर स्वागत करते हैं। यह क्षेत्र न सिर्फ रोमांच प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, बल्कि उन लोगों के लिए भी आदर्श स्थान है जो भीड़-भाड़ से दूर शांति की तलाश में होते हैं। यहाँ की सुबहें सुनहरी धूप के साथ पहाड़ों के बीच च...

नरेंद्र मोदी रोज़ कितनी नींद लेते हैं? ये जानकर आप हैरान रह जाएंगे

 नरेंद्र मोदी और उनकी कम नींद की आदत: एक दृष्टिकोण



भारत  के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल देश के सबसे चर्चित नेताओं में से एक हैं, बल्कि उनकी मेहनत और समर्पण के लिए भी जाने जाते हैं। उनका दिन बेहद व्यस्त होता है, लेकिन इसके बावजूद वह अक्सर केवल 4-5 घंटे की नींद लेकर भी पूरी ऊर्जा के साथ काम करते हैं। उनकी यह कम नींद की आदत उनके कठोर परिश्रम, अनुशासन और आत्म-संयम का प्रमाण है।

 मोदी की दिनचर्या और नींद का महत्व

नरेंद्र मोदी की दिनचर्या बहुत ही सख्त और अनुशासित है। वे सुबह बहुत जल्दी उठते हैं, आमतौर पर 4 बजे से पहले। उनकी शुरुआत योग और ध्यान से होती है, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। योग से वे दिनभर की थकान को दूर करते हैं और अपने मन को शांत रखते हैं।

नींद की कमी के बावजूद, मोदी जी अपनी ऊर्जा बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार और नियमित व्यायाम करते हैं। वे अक्सर छोटे ब्रेक लेकर अपने दिन को संतुलित करते हैं, ताकि उनकी कार्यक्षमता में कमी न आए। उनके सहयोगी बताते हैं कि वे अपने काम में इतने लीन रहते हैं कि नींद की कमी उनके काम पर ज्यादा असर नहीं डालती।

 कम नींद के बावजूद कामयाबी का राज़

आम तौर पर विज्ञान कहता है कि वयस्कों को 7-8 घंटे की नींद की जरूरत होती है, लेकिन मोदी जी

की आदत इस सामान्य नियम से अलग है। वे अपनी कम नींद की पूर्ति योग, ध्यान और सही जीवनशैली से करते हैं। उनकी यह आदत दिखाती है कि सही मानसिक स्थिति और अनुशासन से नींद की कमी को काफी हद तक सहन किया जा सकता है।

इस बात से प्रेरणा लेकर हम भी अपनी दिनचर्या में व्यायाम, ध्यान और सही खान-पान को शामिल कर सकते हैं ताकि कम नींद के बावजूद अपनी ऊर्जा और सेहत को बनाए रख सकें।

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