जापानी पर्यटक क्यों बार-बार आते हैं सांची

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  सांची स्टूप पर पर्यटक मध्य प्रदेश में स्थित सांची, भारत की उन जगहों में से है जो इतिहास, संस्कृति और धर्म का अद्भुत संगम प्रस्तुत करती हैं। यह स्थल न केवल बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र है, बल्कि इसकी स्थापत्य कला और प्राचीन स्तूप इसे विश्वभर के पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। हर साल सांची हजारों पर्यटकों, विशेषकर जापानी यात्रियों, को अपनी ओर खींचता है। सांची का इतिहास लगभग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से जुड़ा है, जब मौर्य सम्राट अशोक ने यहाँ बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए स्तूपों का निर्माण करवाया। महास्तूप सांची का सबसे प्रसिद्ध स्तूप है और यह उस समय की स्थापत्य कला और धार्मिक दृष्टिकोण का अद्भुत उदाहरण है। स्तूप के चारों ओर बने तोरण और नक्काशियाँ जीवन, कर्म और मोक्ष की कहानियों को दर्शाती हैं। स्थापत्य कला और शिल्पकला सांची की स्थापत्य कला में हर पत्थर अपने आप में एक कहानी कहता है। यहाँ के स्तूप, तोरण और मूर्तियाँ न केवल धार्मिक संदेश देती हैं, बल्कि प्राचीन भारतीय शिल्पकला और गणित की समझ का भी प्रमाण हैं। प्रत्येक नक्काशी में जीवन की सरल घटनाओं से लेकर बौद्ध धर्म के गहन सिद्धा...

एक आवाज़ जो ब्रांड बन गई — पीयूष पांडे का आख़िरी सलाम

 

भारतीय विज्ञापन जगत का एक सितारा हमेशा के लिए खामोश हो गया।कुछ खास है जिंदगी में”, “Fevicol का जोड़”, “हर खुशी में रंग लाए” जैसे जुमले गढ़ने वाले पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे।

24 अक्टूबर 2025 की सुबह, जब यह खबर आई कि 70 वर्ष की उम्र में यह दिग्गज हमें छोड़ गए, तो पूरे मीडिया और विज्ञापन जगत में सन्नाटा छा गया।

राजस्थान के जयपुर में जन्मे पीयूष जी ने जीवन की शुरुआत क्रिकेट और चाय के कारोबार से की थी, लेकिन किस्मत ने उन्हें कहानी सुनाने की

दुनिया में ला खड़ा किया।

1982 में उन्होंने Ogilvy & Mather India से जुड़कर भारतीय विज्ञापन में ऐसा दौर शुरू किया जिसमें भारतीयता, भावनाएँ और हास्य एक साथ बोले।उनके विज्ञापन किसी विदेशी फार्मूले पर नहीं, बल्कि भारत की धड़कन पर लिखे जाते थे —गांव-कस्बों की खुशबू, माटी की भाषा, और लोगों की मुस्कान उनके हर फ्रेम में नजर आती थी।

Cadbury के "कुछ खास है" अभियान ने हमें रिश्तों की मिठास सिखाई, Fevicol के जोड़ ने एकता की ताकत दिखाई,और Vodafone के प्यारे-से Zoozoo ने डिजिटल युग में भी इंसानियत का एहसास कराया।उनका मानना था “विज्ञापन वह कहानी है जो बिकती नहीं, बस दिल में बस जाती है।”शायद इसलिए उनके अभियान आज भी हमारे जेहन में जीवित हैं।

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