लेह: ऊँचे पहाड़ों के बीच बसी जन्नत की एक अनोखी कहानी
बुर्ज ख़लीफ़ा की चमचमाती काँच की दीवारें सूरज की पहली किरण के साथ ऐसे जगमगाती हैं जैसे सुनहरी चादर ओढ़ ली हो। रात होते ही यह अपनी रोशनियों से ऐसा दृश्य रचता है जिसे देखना किसी सपने जैसा लगता है। इसकी लिफ्ट हवा की रफ़्तार से ऊपर जाती है और कुछ ही पलों में दर्शक बादलों जैसी ऊँचाई पर पहुँच जाते हैं। ऊपर से दिखाई देने वाला दुबई का नज़ारा ऐसा लगता है मानो किसी कलाकार ने रेत पर चाँदी की लकीरें खींच दी हों।
अंदर बने रेस्तराँ, होटल, कला-दीर्घाएँ और डिज़ाइन की बारीकियाँ हर आगंतुक को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। यहाँ आने वाले लोग सिर्फ़ एक इमारत देखने नहीं आते, बल्कि इंसानी सपनों को साकार होते हुए महसूस करने आते हैं। बुर्ज ख़लीफ़ा आज दुनिया के हर उस सपने का प्रतीक है जो नामुमकिन लगते हुए भी मुकम्मल हो सकता है।
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