लेह: ऊँचे पहाड़ों के बीच बसी जन्नत की एक अनोखी कहानी
2025 के मेले की खास बात यह है कि इसमें तकनीकी नवाचारों पर विशेष फोकस किया गया है। स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, एआई आधारित सॉल्यूशंस और डिजिटल कम्युनिकेशन सेक्टर इस बार की थीम को और भी प्रभावशाली बनाते हैं। आगंतुकों को न सिर्फ नए उत्पाद देखने का, बल्कि लाइव डेमो और इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से भविष्य की तकनीक को करीब से समझने का भी मौका मिलता है।
इस मेले का एक आकर्षण ग्रामीण भारत और पारंपरिक कला का अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकना भी है। देश के विभिन्न राज्यों से आए कारीगर अपने हस्तशिल्प, वस्त्र डिज़ाइन, लकड़ी व धातु कला तथा लोक संस्कृति की सुंदर झलकियाँ प्रस्तुत करते हैं। यह न केवल घरेलू कलाकारों को वैश्विक पहचान दिलाता है, बल्कि सांस्कृतिक आदान–प्रदान का एक सुंदर माध्यम भी बनता है।
व्यापार जगत के लिए तो यह मेला किसी स्वर्ण अवसर से कम नहीं है। बड़ी कंपनियाँ नए व्यापारिक साझेदार ढूँढती हैं, छोटे उद्योग अपनी पहुँच बढ़ाते हैं और स्टार्टअप्स निवेशकों के सामने अपने आइडियाज़ पेश करते हैं। यही कारण है कि इंटरनेशनल ट्रेड फेयर हर उद्योग के लिए विकास, सहयोग और वैश्विक संबंधों को मजबूत करने का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।
भोजन का ज़िक्र किए बिना इस मेले का वर्णन अधूरा है। दुनिया भर के स्वादों से भरे फूड कोर्ट आगंतुकों को एक अनोखा अनुभव देते हैं। भारतीय मसालों की खुशबू, विदेशी व्यंजनों का आकर्षण और पारंपरिक मिठाइयों का स्वाद इसे परिवारों के लिए भी एक यादगार स्थल बना देता है।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार और सांस्कृतिक विविधता के इस अद्भुत मेल में 2025 का संस्करण और भी अधिक आधुनिक, सृजनशील और वैश्विक बनकर सामने आ रहा है। यह मेला न सिर्फ अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज, तकनीक, कला और संस्कृति—सभी को एक नई दिशा देने वाले एक जीवंत उत्सव के रूप में उभरता है।
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