लेह: ऊँचे पहाड़ों के बीच बसी जन्नत की एक अनोखी कहानी
भूटान में हरी मिर्च सिर्फ़ एक मसाला नहीं, बल्कि भोजन का मुख्य आधार है। स्थानीय लोग इसे “एमा” कहते हैं और इससे बनता है उनका राष्ट्रीय व्यंजन ‘एमा दत्शी’—जिसे भूटान का “चिली चीज़ स्ट्यू” भी कहा जाता है। इसमें बड़ी-बड़ी हरी मिर्च को सीधे पूरी तरह पकाया जाता है और स्थानीय चीज़, मक्खन और हल्के मसालों के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। स्वाद तीखा होता है, लेकिन भूटानी लोग इसे रोज़ाना बड़े शौक से खाते हैं।
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कई यात्रियों को यह जानकर हैरानी होती है कि भूटानी भोजन में मिर्च को सब्ज़ी की तरह इस्तेमाल किया जाता है। हरी मिर्च, लाल मिर्च, सूखी मिर्च—हर तरह की मिर्च यहाँ की रसोई का हिस्सा है। ठंडे मौसम में यह शरीर को गर्म रखने में मदद करती है, इसलिए सदियों से यह भूटान की खाद्य परंपरा का मुख्य हिस्सा बनी हुई है।
स्थानीय बाज़ारों में आपको रंग-बिरंगी मिर्चों के ढेर
मिल जाएंगे। भूटानी परिवार गर्मियों में मिर्च सुखाकर सर्दियों के लिए जमा करते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपनी खुद की मिर्च उगाते हैं, जिससे इसका स्वाद और ताजगी और भी बढ़ जाती है।आज भूटान की व्यंजन परंपरा दुनिया भर के फ़ूड प्रेमियों में चर्चा का विषय बनी हुई है। विदेशी यात्री भूटान जाते ही “एमा दत्शी” चखने की इच्छा रखते हैं और कई लोग इसका अनोखा स्वाद अपने देश भी ले जाते हैं।
हरी मिर्च को मुख्य सामग्री बनाकर इतने स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करना भूटान की रसोई की विशिष्टता को दर्शाता है। यह सिर्फ़ भोजन नहीं, बल्कि देश की संस्कृति, जलवायु और परंपरा का जीता-जागता प्रतीक है।
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