लहरों पर लौटा इतिहास : आईएनएसवी कौंडिन्य की पहली ऐतिहासिक यात्रा
सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन को खास बनाती हैं इसकी खूबसूरत वॉल पेंटिंग्स, जो सिर्फ सजावट नहीं बल्कि कला और संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति हैं। स्टेशन की दीवारों पर बने बाघ, हिरण, मोर और घने जंगलों के दृश्य रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान की आत्मा को दर्शाते हैं। ये चित्र इतने जीवंत हैं कि लगता है मानो जंगल स्टेशन तक आ गया हो। यात्री ट्रेन का इंतज़ार करते हुए इन चित्रों में खो जाते हैं।
स्टेशन की पेंटिंग्स में राजस्थान की लोक संस्कृति और वन्य जीवन को भी खूबसूरती से दर्शाया गया है। यही वजह है कि सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन को राष्ट्रीय पुरस्कार (National Award) भी मिला। यह सम्मान स्टेशन की स्वच्छता, सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए दिया गया था, जो इसे भारत के सबसे सुंदर और व्यवस्थित रेलवे स्टेशनों में शुमार करता है।
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स्टेशन की पेंटिंग्स में राजस्थान की लोक संस्कृति को भी बेहद खूबसूरती से दर्शाया गया है। पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएँ, लोक नृत्य, ग्रामीण जीवन और ऐतिहासिक विरासत के चित्र दीवारों को एक जीवित कैनवास बना देते हैं। इन रंगीन कलाकृतियों के माध्यम से यात्रियों को राजस्थान की संस्कृति का पहला परिचय स्टेशन पर ही मिल जाता है।
सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन की दीवारें किसी आर्ट गैलरी से कम नहीं लगतीं। साफ-सुथरे प्लेटफॉर्म और सुंदर रोशनी इन पेंटिंग्स को और निखार देती है। यही कारण है कि यात्री यहाँ रुककर तस्वीरें खींचते हैं और सोशल मीडिया पर साझा करते हैं। यह स्टेशन इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि रेलवे स्टेशन भी कला, सौंदर्य और संवेदनाओं का केंद्र बन सकता है।
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