लहरों पर लौटा इतिहास : आईएनएसवी कौंडिन्य की पहली ऐतिहासिक यात्रा
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति, हमेशा से ही विवादों और बड़े बयानबाज़ियों के लिए जाने जाते रहे हैं। उनके समर्थक उन्हें “विश्व राजनीति में मजबूत नेतृत्व का प्रतीक” मानते हैं, जबकि आलोचक उन्हें “अत्यधिक महत्वाकांक्षी और असंभव सपनों का इंसान” कहते हैं। हाल ही में कई मीडिया रिपोर्ट्स और उनके बयान में यह भावना नजर आई कि ट्रंप का विश्व पर प्रभाव और नियंत्रण बढ़ाने का सपना अभी भी उनके मन में जीवित है।
ट्रंप का सपना केवल राजनीतिक दबदबा हासिल करने तक सीमित नहीं है। उनके दृष्टिकोण में अमेरिका की वैश्विक शक्ति को बढ़ाना, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और सैन्य प्रभुत्व स्थापित करना और विश्व राजनीति में अमेरिका की अजेय स्थिति सुनिश्चित करना शामिल है। वे चाहते हैं कि अमेरिका हर मोर्चे पर सबसे मजबूत हो—चाहे वह आर्थिक, सैन्य या तकनीकी क्षेत्र हो।
हालांकि ट्रंप की महत्वाकांक्षा बड़ी है, विश्व पर एक देश या एक व्यक्ति का पूर्ण नियंत्रण आधुनिक युग में लगभग असंभव है। वैश्विक राजनीति अब बहु-ध्रुवीय हो चुकी है, जहां चीन, रूस, यूरोपियन यूनियन और अन्य उभरते राष्ट्र भी अपनी शक्ति का दावा कर रहे हैं।
आर्थिक दृष्टि से अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन चीन की आर्थिक शक्ति तेजी से बढ़ रही है। सैन्य दृष्टि से अमेरिका के पास सबसे शक्तिशाली सेना है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों और आधुनिक युद्ध रणनीतियों ने शक्ति संतुलन
बदल दिया है। राजनीतिक दृष्टि से संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय कानून और वैश्विक मान्यताएं किसी भी देश को पूर्ण नियंत्रण देने की अनुमति नहीं देती।इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो ट्रंप का यह सपना अधिक महत्वाकांक्षी और प्रतीकात्मक है। यह अमेरिका की वैश्विक प्रभुत्व की कल्पना का हिस्सा है, न कि व्यावहारिक रूप से संभव योजना। फिर भी, यह सपना उनके समर्थकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है और दुनिया में अमेरिका की रणनीतिक महत्वाकांक्षा को उजागर करता है।
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