लेह: ऊँचे पहाड़ों के बीच बसी जन्नत की एक अनोखी कहानी

चित्र
लद्दाख की शांत वादियों में बसा लेह एक ऐसा शहर है, जहाँ प्रकृति अपनी अनुपम सुंदरता से हर यात्री का दिल जीत लेती है। बर्फ से ढकी चोटियाँ, नीले आसमान में तैरते बादल, प्राचीन मठों की घंटियाँ और ठंडी हवाओं का पवित्र स्पर्श—यह सब मिलकर लेह को एक अद्वितीय अनुभूति में बदल देते हैं। लेह की खूबसूरती सिर्फ इसके प्राकृतिक नज़ारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ की संस्कृति, लोगों की सरलता और इतिहास से भरे धरोहरों की भी अपनी एक खास पहचान है। ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का हर मोड़, हर दृश्य और हर कदम एक रोमांच बन जाता है। चाहे वो शांति से भरा शांति स्तूप हो या ऊँचे पहाड़ों की गोद में बसे मठ, हर स्थान मन को एक अनोखी ऊर्जा से भर देता है। लेह की गलियों में घूमते हुए ऐसा लगता है मानो समय थम-सा गया हो। रंग-बिरंगे प्रार्थना-झंडे हवा में लहराते हैं और सड़कों पर चलते लोग मुस्कुराहट के साथ “जुले” कहकर स्वागत करते हैं। यह क्षेत्र न सिर्फ रोमांच प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, बल्कि उन लोगों के लिए भी आदर्श स्थान है जो भीड़-भाड़ से दूर शांति की तलाश में होते हैं। यहाँ की सुबहें सुनहरी धूप के साथ पहाड़ों के बीच च...

लद्दाख की अनोखी विवाह प्रणाली: परंपरा और आधुनिकता का संगम

अनोखी विवाह प्रणाली
भारत के उत्तर में स्थित लद्दाख अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ठंडे मौसम और बौद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यहाँ की एक और खास बात है -इसकी विवाह प्रणाली। लद्दाख में शादी केवल दो लोगों का मिलन नहीं होती, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव की तरह मनाई जाती है। पारंपरिक रीति-रिवाज़, पारिवारिक निर्णय और समुदाय की भागीदारी इस प्रथा को और भी अनोखा बना देती है।

 पारंपरिक ‘अरेंज मैरिज’ की प्रथा

लद्दाख में शादी प्रायः अरेंज मैरिज यानी पारिवारिक तय की गई शादियों के रूप में होती है। विवाह के लिए वर और वधू के परिवार आपस में बैठकर निर्णय लेते हैं।

कई बार बच्चे की शादी का प्रस्ताव बचपन में ही तय कर दिया जाता है।

वर और वधू की राशि, परिवार की स्थिति और समाज में प्रतिष्ठा को ध्यान में रखा जाता है।

शादी की तारीख ज्योतिष के अनुसार निकाली जाती है और इसे बहुत शुभ अवसर माना जाता है।

विशेष बात– लद्दाख में शादी से पहले दोनों परिवारों के बीच आपसी सम्मान और

रिश्ते की मज़बूती को प्राथमिकता दी जाती है।

‘फ्रेटर्नल पॉलीएंड्री’ – भाईयों की एक ही पत्नी की परंपरा

लद्दाख में एक समय पर Fraternal Polyandry नाम की एक अनोखी विवाह प्रथा प्रचलित थी।

इसमें एक महिला की शादी परिवार के सभी भाइयों से कर दी जाती थी।

इसका उद्देश्य था :

परिवार की ज़मीन और संपत्ति को विभाजित होने से बचाना।

कृषि योग्य ज़मीन को एक साथ रखना।

सामाजिक और आर्थिक स्थिरता बनाए रखना।


हालांकि आधुनिक शिक्षा, कानून और बदलती सोच के कारण यह प्रथा अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। लेकिन पुराने समय में यह लद्दाख की सामाजिक व्यवस्था का अहम हिस्सा थी।

आधुनिक लद्दाख में बदलती सोच

आज लद्दाख में शिक्षा और जागरूकता बढ़ने के साथ विवाह प्रणाली में भी बदलाव आ रहे हैं। युवा अब लव मैरिज को भी स्वीकार कर रहे हैं।

कई लोग शहरों में जाकर शादी करते हैं और आधुनिक जीवन शैली अपना रहे हैं।

 फिर भी पारंपरिक विवाह समारोह और रस्मों का अपना विशेष महत्व आज भी कायम है।

 

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट

प्रतापगढ़ विलेज थीम रिज़ॉर्ट Haryana — शहर के शोर से दूर देहात की सुकून भरी झलक

भीमबेटका: मानव सभ्यता के आरंभ का अद्भुत प्रमाण

नामीबिया: भारत के यात्रियों के लिए अफ्रीका का अनछुआ हीरा

चौखी धानी: जयपुर में संस्कृति, कला और देहात की आत्मा को भी अपने साथ समेटे हुए है

माउंट आबू: अरावली की गोद में सजी प्राकृतिक स्वर्ग नगरी

“आस्था और इतिहास की झलक: आगरा का दयालबाग मंदिर”

चंबल: वाइल्डलाइफ लवर्स के लिए मध्य प्रदेश का छिपा हुआ रत्न

राजू मोंटेना की उदयपुर में रॉयल डेस्टिनेशन वेडिंग परंपरा, झीलें और जश्न का संगम

बॉल मिठाई : नैनिताल की मीठी पहचान

लाहौल-स्पीति: बर्फ़ीली वादियों का अनकहा सौंदर्य