लेह: ऊँचे पहाड़ों के बीच बसी जन्नत की एक अनोखी कहानी

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लद्दाख की शांत वादियों में बसा लेह एक ऐसा शहर है, जहाँ प्रकृति अपनी अनुपम सुंदरता से हर यात्री का दिल जीत लेती है। बर्फ से ढकी चोटियाँ, नीले आसमान में तैरते बादल, प्राचीन मठों की घंटियाँ और ठंडी हवाओं का पवित्र स्पर्श—यह सब मिलकर लेह को एक अद्वितीय अनुभूति में बदल देते हैं। लेह की खूबसूरती सिर्फ इसके प्राकृतिक नज़ारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहाँ की संस्कृति, लोगों की सरलता और इतिहास से भरे धरोहरों की भी अपनी एक खास पहचान है। ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का हर मोड़, हर दृश्य और हर कदम एक रोमांच बन जाता है। चाहे वो शांति से भरा शांति स्तूप हो या ऊँचे पहाड़ों की गोद में बसे मठ, हर स्थान मन को एक अनोखी ऊर्जा से भर देता है। लेह की गलियों में घूमते हुए ऐसा लगता है मानो समय थम-सा गया हो। रंग-बिरंगे प्रार्थना-झंडे हवा में लहराते हैं और सड़कों पर चलते लोग मुस्कुराहट के साथ “जुले” कहकर स्वागत करते हैं। यह क्षेत्र न सिर्फ रोमांच प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, बल्कि उन लोगों के लिए भी आदर्श स्थान है जो भीड़-भाड़ से दूर शांति की तलाश में होते हैं। यहाँ की सुबहें सुनहरी धूप के साथ पहाड़ों के बीच च...

जानिए दुनिया के किन-किन देशों में मनाई जाती है दीवाली


सिंगापुर में दीपावली 
क्या आप जानते हैं कि दीवाली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाई जाती है? जहाँ-जहाँ भारतीय समुदाय बसा है, वहाँ यह पर्व एक सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है।

पड़ोसी देशों में दीवाली का महत्व

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दीवाली को ‘तिहार’ कहा जाता है। यह पाँच दिन तक चलने वाला पर्व है जिसमें लक्ष्मी पूजन के साथ पशु-पक्षियों और भाई-बहन के रिश्तों का सम्मान किया जाता है।

श्रीलंका में यह त्योहार तमिल हिंदू समुदाय में विशेष रूप से मनाया जाता है। लोग मंदिरों में पूजा करते हैं, घर सजाते हैं और पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं। दोनों ही देशों में दीवाली को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व के रूप में गहरा महत्व दिया जाता है।

 एशिया और कैरेबियन देशों में दीपावली उत्सव

मलेशिया और सिंगापुर में दीपावली एक सरकारी अवकाश होता है। लोग अपने घरों को रंगोली और लाइटों से सजाते हैं और मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं।

त्रिनिदाद एंड टोबैगो और फ़िजी में भी दीवाली बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। यहाँ यह न सिर्फ धार्मिक पर्व बल्कि एक राष्ट्रीय उत्सव बन चुका है। सरकार और स्थानीय समुदाय मिलकर सांस्कृतिक

कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

 वैश्विक स्तर पर दीवाली की पहचान

मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी भारतीय समुदाय के कारण दीपावली को व्यापक रूप से मनाया जाता है। इन देशों में मंदिरों और सामुदायिक केंद्रों पर पूजा होती है, लाइटिंग और आतिशबाज़ी का आयोजन किया जाता है।

आज दीपावली सिर्फ भारत का नहीं बल्कि पूरी दुनिया का त्योहार बन चुकी है। यह त्यौहार हर जगह एक ही संदेश देता है — “प्रकाश फैलाओ, खुशियाँ बाँटो”।


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