भूटान का अनोखा स्वाद: हरी मिर्च से बनता है देश का मुख्य व्यंजन
दीपिका कुमारी झारखंड के छोटे गाँव की रहने वाली थीं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी और कभी-कभी खाने-पीने की भी दिक्कत होती थी। लकड़ी के बने धनुष-बाण से उन्होंने अभ्यास शुरू किया। अपनी मेहनत और लगन के कारण उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया। उनकी कहानी यह सिखाती है कि सीमित संसाधनों में भी अगर लक्ष्य और मेहनत सही दिशा में हो तो कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है।
सविताबेन एक दलित परिवार से आती थीं। उन्होंने शुरुआत कोयला बेचकर की और धीरे-धीरे टाइल्स का निर्माण शुरू किया। समय और मेहनत के साथ उनका व्यवसाय बढ़ा और आज उनकी फैक्ट्री करोड़ों का टर्नओवर करती है। उनकी कहानी यह दिखाती है कि धैर्य, दूरदर्शिता और मेहनत से साधारण शुरुआत भी असाधारण सफलता में बदल सकती है।
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